दशावतारस्तोत्रम् अथ दशावतारस्तोत्रम् या त्वरा जलसंचारे या त्वरा वेदरक्षणे | मय्यार्ते करुणामूर्ते सा त्वरा क्व गता हरे || १|| या त्वरा मंदरोद्धारे या त्वरा हतरक्षणे | मय्यार्ते करुणामूर्ते सा त्वरा क्व गता हरे || २|| या त्वरा क्रोडवेषस्य विधृतौ भूसमुद्धृतौ | मय्यार्ते करुणामूर्ते सा त्वरा क्व गता हरे || ३|| या त्वरा चांत्रमालायां धारणे पोतरक्षणे | मय्यार्ते करुणामूर्ते सा त्वरा क्व गता हरे || ४|| या त्वरा वटुवेषस्य धारणे बलिबंधने | मय्यार्ते करुणामूर्ते सा त्वरा क्व गता हरे || ५|| या त्वरा राजहनने या त्वरा वाक्यरक्षणे | मय्यार्ते करुणामूर्ते सा त्वरा क्व गता हरे || ६|| या त्वरा रूक्षहनने या त्वरा भ्रातृपालने | मय्यार्ते करुणामूर्ते सा त्वरा क्व गता हरे || ७|| या त्वरा कपिराजस्य पोषणे सेतुबंधने | मय्यार्ते करुणामूर्ते सा त्वरा क्व गता हरे || ८|| या त्वरा गोपकन्यानां रक्षणे कंसमारणे | मय्यार्ते करुणामूर्ते सा त्वरा क्व गता हरे || ९|| या त्वरा भैष्मिहरणे या त्वरा रुक्मिबंधने | मय्यार्ते करुणामूर्ते सा त्वरा क्व गता हरे || १०|| या त्वरा वैधसंधाककथने बौद्धमोहने | मय्यार्ते करुणामूर्ते सा त्वरा क्व गता हरे || ११|| या त्वरा तुरगारोहॆ या त्वरा म्लेच्छमारणे | मय्यार्ते करुणामूर्ते सा त्वरा क्व गता हरे || १२|| सत्यव्रतार्थपुत्रेण भक्त्या कोनेरिणेरितं | दशावतारस्तवकं पठन् मोक्षमवाप्नुवात् || १३|| || इति श्रीकोनेरि आचार्यकृतं दशावतार स्तोत्रं ||